उत्तराखंड शिक्षा विभाग में पीएम पोषण योजना के तहत करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। देहरादून जिले के आउटसोर्सिंग कर्मचारी नवीन सिंह रावत ने लगभग ढाई साल तक योजना की राशि को स्कूलों के बजाय अपने निजी खातों में ट्रांसफर किया। इस दौरान विभाग को इस गंभीर गड़बड़ी की भनक तक नहीं लगी।
कैसे हुआ घोटाला
साल 2022 में पीएम पोषण योजना की राशि नेट बैंकिंग के माध्यम से सीधे स्कूलों में ट्रांसफर की जाने लगी थी। देहरादून जिले के 800 से अधिक स्कूलों को छात्रों की उपस्थिति के आधार पर हर महीने लगभग 1.5 से 1.75 करोड़ रुपये मिलते थे। योजना में बची हुई राशि स्कूल के खाते में जाती थी। साल 2023 में MIS समन्वयक के रूप में नवीन सिंह रावत को नियुक्त किया गया। आरोपी ने विभाग का नेट बैंकिंग पासवर्ड हासिल कर हर महीने बची हुई राशि को अपने निजी खातों में ट्रांसफर करना शुरू किया। ढाई साल में उसने करीब 3 करोड़ 18 लाख रुपये अपने खातों में जमा कर लिए।
रकम चालीस से अधिक खातों में ट्रांसफर
जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती ने खाते की समीक्षा के दौरान गड़बड़ी पकड़ ली। विभागीय जांच में पता चला कि नवीन ने अपने दो खातों से गूगल पे के माध्यम से राशि को लगभग 40 से 50 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया। घोटाला उजागर होने के बाद विभाग ने तत्काल FIR दर्ज करवाई और आरोपी की तलाश शुरू कर दी। एसपी देहात ऋषिकेश जय बलूनी ने बताया कि नवीन सिंह रावत फरार है और जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा।