उत्तराखंड में आपदा राहत राशि पर कांग्रेस की कड़ी प्रतिक्रिया: 1200 करोड़ ‘निराशाजनक’

उत्तराखंड में हाल ही में आई भयंकर दैवीय आपदा के बाद राज्यवासियों को राहत राशि के रूप में केवल 1200 करोड़ रुपये मिलने पर कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यालय, राजीव भवन में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने इस मामले पर अपना विरोध दर्ज कराया। प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य में आई आपदा ने व्यापक स्तर पर जनहानि और आर्थिक नुकसान किया है। प्रधानमंत्री के उत्तराखंड दौरे के दौरान राज्य सरकार ने 5702 करोड़ रुपये के नुकसान के अनुरूप राहत की मांग की थी, लेकिन केंद्र ने केवल 1200 करोड़ रुपये की घोषणा की। उन्होंने इसे “बहुत ही निराशाजनक” करार दिया और कहा कि यह राशि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और पुनर्निमाण के लिए पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने 2013 की आपदा का उदाहरण देते हुए बताया कि उस समय कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने आपदा प्रभावितों का पुनर्वास और विस्थापन सफलतापूर्वक किया था। प्रीतम सिंह ने राज्य सरकार से अपेक्षा जताई कि वह केंद्र के सामने मजबूती से पैरवी करे और राज्य को हुए वास्तविक नुकसान की प्रतिपूर्ति सुनिश्चित करे। प्रीतम सिंह ने मलिन बस्तियों के मुद्दे पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एलिवेटेड रोड के नाम पर मलिन बस्तियों को उजाड़ने की योजना बना रही है, जिसका कांग्रेस पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान 582 मलिन बस्तियों को चिन्हित किया गया और उनके मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री से अपेक्षा थी कि वे हिमालयी क्षेत्रों में आपदाओं से निपटने के लिए कोई राष्ट्रीय नीति बनाएँ या संकेत दें। उन्होंने कहा कि मध्य हिमालयी क्षेत्रों में ग्लेशियर पिघलना और बादल फटना जैसी घटनाओं का प्रभाव न केवल पहाड़ी क्षेत्रों बल्कि मैदानी क्षेत्रों पर भी पड़ रहा है। रावत ने बताया कि केंद्र सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जबकि इन क्षेत्रों में आपदाओं की आवृत्ति लगातार बढ़ रही है। रावत ने 2013 और वर्तमान आपदा की तुलना करते हुए कहा कि 12 साल पहले के मानकों पर आज के नुकसान का आकलन नहीं किया जा सकता। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि प्रभावितों के कर्ज माफ किए जाएँ और उनकी आजीविका को पुनर्जीवित किया जाए।

इसके अलावा, रावत ने राज्य सरकार द्वारा मलिन बस्तियों के लिए पारित कानून को एलिवेटेड रोड के नाम पर ऑर्डिनेंस से निष्प्रभावी बनाने की कोशिश पर भी कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यह असंवैधानिक है और यदि सरकार ऐसा करती है तो कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि राज्यवासियों और आपदा प्रभावितों के हितों की अनदेखी कतई स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल राहत वितरण, आजीविका पुनरुद्धार और मलिन बस्तियों के लोगों के अधिकारों की सुरक्षा की मांग की है।

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